मेटाफिजिक्स
इस लेख श्रृंखला में , हम एक ऐसे विषय से परिचित होने की कोशिश करेंगे जो बहोत ही मौलिक एवं सहज होने के साथ साथ प्रत्येक मनुष्य के जीवन से जुड़ा हुआ होने के बावजूद समाज में इसके बारे में बहोत ही सिमित जानकारी उपलब्ध है | इस विषय का नाम है "मेटाफिजिक्स"(तत्वमीमांसा) |
आज सोशियल मीडिया, तस्वीरें और सेल्फी का युग है | बड़े कैमरे का उपयोग धीरे धीरे म|नो अतीत की बात होती जा रही है | एक से बढ़कर एक केमेरा मोबाइल में ही उपलब्ध है| विभ्भिन फीचर्स वाले फोटो एडिटर्स भी प्राप्य है जो किसी भी तस्वीर को बेनमून बना सकते है | एक्सरे मशीन को अगर हम केमेरा समजे तो तस्वीर के भीतर की तस्वीर यानि की शरीर के भीतर की फोटोग्राफी भी हो सकती है | किन्तु अगर हमारे शरीर के बहार की तस्वीर लेनी हो तो ??? हमारे जन्म से मृत्यु तक हमेशा हमारे शरीर के आसपास साथ रहने वाली , हमारे समग्र जीवन को प्रभावित करने वाली एक ऐसी चीज़ जिसे हम सामान्यतः अपनी आखो से देख नहीं पाते है उस चीज़ की फोटो लेनी हो तो? ! किर्लियन फोटोग्राफी के माध्यम से यह भी संभव है |किर्लियन केमेरा से ली जाने वाली यह तस्वीर हमारे आभामंडल यानि कि ओरा की तस्वीर है, जिस पर समग्र जिंदगी - जी हाँ, हमारी संपूर्ण जिंदगी आधारित है | यह एक ऐसी तस्वीर है जिससे न केवल छिपाई गयी बाते , परन्तु खुद से भी अनजान ऐसी कई सारी अंतरंग बाते बया हो जाती है | यह कैसे संभव है ? आगे देखेंगे|| ओरा शब्द से काफी लोग अपरिचित हो सकते है क्योकि यह आध्यात्म से जुडी हुई बात है | हमारी समाज में प्रचलित सामान्य मान्यता के अनुसार आध्यात्म और विज्ञान का एक दूसरे से कोई लेना देना नहीं है या फिर आध्यात्म बौद्धिक तल से निम्न स्तरीय बात है | शायद यही वजह है की ज्यादातर लोग इस विषय के प्रति उदासीन अभिगम रखते है | जबकि सत्य तो यह है कि अध्यात्म वही से आरम्भ होता है जहा पे बौद्धिक सीमाए पूरी होती है |
हमारे प्राचीन ऋषिमुनि सही मायनेमे काफी सुज्ञ वैयानिक थे आज भी अधिकतर वैज्ञानिक आद्यात्मिक है चाहे अल्बर्ट आइंस्टाइन हो या हम सबके माननीय एवं वंदनीय अब्दुल कलाम, अनेक ख्यातनाम वैज्ञानिकोने अपना समग्र जीवन अध्यात्मके गहन रहस्यको एवं खास करके वैश्विक चेतना (कॉस्मिक एनर्जी) के साथ संलग्न रहस्योंको वैज्ञानिक ढंगसे समझनेमें व्यतित किया है, कुछ एक प्रख्यात नाम है ड़ॉ. दीपक चोपड़ा , डॉ. विलियम टिल्लर, डॉ. फ्रेड ट्रेविस इत्यादि| हम इस विषयमेसे काफी महत्वपूर्ण मद यानि ओरा, कुण्डलिनी, चक्र, नाड़ी को वैज्ञानिक दृस्टिकोण से समझनेकी कोशिश करेंगे एवं रोजमराहकी जिन्दगीमे इसका क्या महत्व है इसे देखेंगे|
हमारी समग्र जिंदगी कॉस्मिक एनर्जी पर ही आधारित है| निकोला टेस्ला जैसे महामानव (जिनके नाम ३०० से भी अत्यधिक वैज्ञानिक अविष्कार दर्ज है ) के शब्दमे कहा जाय तो ”If you want to find the secrets of the universe, think in terms of energy, frequency and vibration.” गर्भाधानसे शुरू करके मृत्यु पर्यन्त सब कुछ ऊर्जा पर ही आधारित है जितनी अच्छी ऊर्जा उतना ही अच्छा शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य, उतना ही अच्छा व्यक्तित्व, आवाज़की बेहतर क्वॉलिटी, जीवनके बहेतर संजोग, विपरीत संयोगको सहन करनेकी बहेतर शक्ति, पूर्ण आत्मविश्वास, उच्चतम रचनात्मकता, सकारात्मक विचार और परिणाम स्वरुप एक अच्छा ओरा ..........|और ऐसा तो अगिनत.
मनुष्य जन्मसे मृत्यु तक के अस्तित्वका एक अतूट हिस्सा है ओरा, कुण्डलिनी, नाड़ी, चक्र| सबसे पहले प्रयास करते है समजनेको 'ओरा' | हमारा एक स्थूल शरीर है जिसे हम सब जानते है, जो दृश्य है, स्पर्शसे अनुभव कर सकते है एवं किसी भी कॅमेरे से तस्वीरमें अंकित कर सकते है | इसी शरीरमें आज का मेडिकल सायन्स शस्त्रक्रिया कर सकता है, जिसे हम अपने बचपनमे शरीरविज्ञान यानि की ेनेटोमी के रूपमें पढ़ चुके है| इसी शरीके आसपास एक दूसरे शरीरकी रचना होती है, हमारे ही शरीरके भीतरसे निकल रहे विद्युत् तरंगोकी मददसे (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स)| हमारे देवीदेवता एवं ऋषिमुनिओके तसवीरोके पीछे एक प्रकाशित आभामंडल हम बरसोंसे देखते आ रहे है| यह आभामंडल ही ओरा है| जैसे प्रत्येक व्यक्तिकी हस्तरेखा अलगअलग होती है उसी तरह प्रत्येक व्यक्तिका ओरा भी भिन्नभिन्न होता है| अध्यात्मके एक स्तर तक पहोंचनेके बाद इसी ोराको अपनी आंखोसे भी देख सकते है किन्तु इसके अलावा एक खास किस्म के केमेरासे इस शरीरका फोटो लिया जा सकता है जिसे हम किर्लियन केमेरा कहते है| ओरा तस्वीर के द्वारा विभिन्न विषयोंकी जानकारी हांसिल की जा सकती है जैसे कि
१) व्यक्तिको भविष्यमे होने वाले संभावित रोग एवं उससे बचावके लिए ली जा सकती ताकेदारी
२) व्यक्तिका स्वभाव
३) व्यक्तिकी विशेषता
४) किसी जगह/घर/कमरेकी ऊर्जा
५) जिनको हम गुरु या संत मानते है उनका आध्यात्मिक स्तर
६) मोबाईल फोन के रेडिएशन का हमारे शरीर पर प्रभाव
७) किसी खास परिस्थितिमें या खास व्यक्तिकी भावनात्मक स्थिति
८) ऑर्गेनिक एवं व्यावसायिक रूपसे उगाये गयी सब्जी, फल एवं धान्यमें ऊर्जास्तरीय तफावत
९) क्रोध करने एवं क्रोध को सहन करते वख्त ोरामें आने वाला बदलाव
१०) भिन्नभिन्न प्रकारके शब्द एवं विचारोंसे ओरामें आनेवाला बदलाव
उपरोक्त सूचि अभी भी सम्पूर्ण नहीं है, इसके अलावा भी ओरा फोटोग्राफिके माध्यमसे काफी सारी जानकारी हांसिल की जा सकती है l
आज यहाँ विराम ेते है l
(क्रमश:)
✍🏾 जीतेन्द्र पटवारी✍🏾
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